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    हस्तकला या शिल्पकला

    केन्द्रीय विद्यालय ग्रेटर नोएडा में, छात्रों के बीच रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए कला और शिल्प गतिविधियाँ आवश्यक हैं। ये गतिविधियाँ छात्रों को उनकी कल्पना का पता लगाने, कलात्मक कौशल विकसित करने और विभिन्न रचनात्मक रूपों में खुद को अभिव्यक्त करने के लिए एक मंच के रूप में काम करती हैं।

    कला एवं शिल्प कार्यक्रम के उद्देश्य:

    • कलात्मक कौशल को बढ़ावा देना: छात्रों को विभिन्न तकनीकों और सामग्रियों के साथ प्रयोग करके अपनी कलात्मक क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे उनके मोटर कौशल और दृश्य कला की समझ को निखारने में मदद मिलती है।
    • रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना: कार्यक्रम छात्रों को बॉक्स के बाहर सोचने और ड्राइंग, पेंटिंग, मूर्तिकला और शिल्पकला जैसे विभिन्न कला रूपों के माध्यम से अपने अद्वितीय दृष्टिकोण व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है।
    • समग्र विकास: कला और शिल्प गतिविधियों में संलग्न होने से छात्रों के भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक विकास में योगदान होता है, जिससे उन्हें अपनी भावनाओं और विचारों को दृश्य रूप से संप्रेषित करने में मदद मिलती है।
    • विश्वास का निर्माण: छात्रों को अपना काम प्रदर्शित करने के अवसर प्रदान करके, कार्यक्रम उनकी रचनात्मक क्षमताओं में आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास पैदा करने में मदद करता है।
    • सांस्कृतिक जागरूकता: कला और शिल्प गतिविधियाँ अक्सर विभिन्न सांस्कृतिक विषयों से प्रेरणा लेती हैं, जिससे छात्रों को विविध कलात्मक परंपराओं की सराहना करने और उनका जश्न मनाने की अनुमति मिलती है।

    स्कूल का कला और शिल्प कार्यक्रम न केवल छात्रों के सौंदर्य बोध को बढ़ाता है, बल्कि ऐसे सर्वांगीण व्यक्तियों को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो रोजमर्रा की जिंदगी में रचनात्मकता के मूल्य की सराहना करते हैं।